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फर्जी राष्ट्रवाद की ऐसी पोस्ट जो करा रही है सरकारी कर्मचारियों को सस्पेंड

फर्जी राष्ट्रवाद की ऐसी पोस्ट जो करा रही है सरकारी कर्मचारियों को सस्पेंड







Photo Source - Via Social media

यह वो पोस्ट है जिसे लोग शेयर कर रहे हैं और सरकारी कर्मचारी निलंबित हो रहे हैं, ऊपर दिया गया फ़ोटो सस्पेंड लैटर है ,जो कि बुलंदशहर के खुर्जा का मामला है जिसमें एक शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया।

क्या है पोस्ट में

पोस्ट में पुलवामा हमले के बाद भारत की ओर से किये गए अटैक के बारे में लिखा है जिसे लोग शेयर कर रहे हैं

आप भी पढ़े पोस्ट को जिससे सरकारी कर्मचारियों को निलंबित किया जा रहा है


फ़र्ज़ी राष्ट्रवाद का ऐसा नैरेटिव तैयार किया गया है कि आज के पढ़े-लिखें नौजवानों के सोचने एवं समझने के रास्ते बंद हो गए है। हमारी वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर हमला जरूर किया है। साथ ही वायुसेना ने स्वीकार किया है कि इस हमला से जान-माल की क्षति नहीं हुई है बल्कि आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है। पाकिस्तानी सेना ने भी स्वीकारा है कि हमला हुआ जरूर है मगर मृत्यु की पुष्टि नहीं हुई है। बीबीसी लंदन ने एक वीडियो जारी किया और उस वीडियो में उसी गाँव के एक व्यक्ति का इंटरव्यू प्रेषित किया है जिस गाँव मे भारतीय सेना हमला करने की बात कर रही है। उस व्यक्ति का कहना है कि पांच धमाके हुए। धमाकों के लगभग पन्द्रह मिनट में हवाई जहाज वापस लौट गयी। वह स्वीकार रहा है कि चार-पाँच कुटिया को नुक़सान पहुँचा है और एक व्यक्ति घायल है। फिर यह 300 आतंकवादियों के मारे जाने की झूठी ख़बर कैसे परोसे जाने लगी? भारतीय मीडिया को यह कैसे ख़बर मिल गयी कि मसूद अजहर का बहनोई मारा गया है? जबतक पाकिस्तानी सेना के अधिकारी ने छतिग्रस्त स्थानों की तस्वीर ट्विटर पर ट्वीट नहीं किया था तबतक भारतीय मीडिया के पास इस हमला से प्रभावित स्थानों की कोई तस्वीर भी नहीं पहुँची थी उस मीडिया को 300 आतंकियों के मारे जाने और मसूद अज़हर के बहनोई के मारे जाने की ख़बर कैसे मिल गयी? किस आधार पर प्रधानमंत्री मोदी राजस्थान के चुरू के एक चुनावी सभा मे 300 आतंकी के मारे जाने की झूठी दिलासा लोगों को दे रहे है? जब्कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने अभी तक एक भी आतंकी के मृत्यु की पुष्टि नहीं करी है। क्या घटनास्थल पर भारतीय मीडिया का कोई एंकर मौजूद है जो लाइव रिपोर्टिंग कर रहा है या पीएमओ में ऐसी कोई दूरबीन लगी है जो दिल्ली से बैठकर ही लेंस को ज़ूम करके मृतकों की गिनती कर रहा है? एक वरिष्ठ मीडिया चैनल यह बता रहा है कि प्रधानमंत्री इस कारवाई को लाइव देख रहे थे और प्रधानमंत्री ने ही राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति को इस कारवाई की जानकारी दी है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि तीनों सेनाओं का प्रमुख राष्ट्रपति होता है या प्रधानमंत्री होता है? निःसन्देह राष्ट्रपति होता है। फिर किस तरह का प्रोटोकॉल है कि प्रधानमंत्री की उपस्थिति में कारवाई होती है और सेना प्रमुख राष्ट्रपति को जानकारी तक नहीं होती है? जब यह सभी कारवाई हो रही थी उस समय प्रधानमंत्री कंट्रोल रूम में थे इसका क्या प्रमाण है? कोई वीडियो है भी या चुरू की जनता को मूर्ख बनाया गया। देश के युवाओं भले तुम अगले चुनाव में वोट भाजपा के मोदी जी को देना मगर इन सभी बिंदुओं पर ठहरकर सोचना एवं फिर निष्कर्ष पर पहुँचना। कही ऐसा तो नहीं कि तुम्हारी बुद्धि एवं विवेक के दरवाज़े पर ग्रहण लगाने के लिए ये 300 आतंकी के मारे जाने की झूठी ख़बर फैला रहे है?
Source - Via Whatsapp

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