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18 मार्च को डॉ. अंबेडकर ने किन लोगों को कहा था कि मुझे पढ़े लिखे लोगों ने धोखा दिया है

18 मार्च 1956 को डॉ. भीमराव अम्बेडकर आगरा में आए थे। यहां उन्होंने आगरा किला मैदान पर विशाल जनसभा को संबोधित किया था 




 लाखों की भीड़ बाबा साहब को सुनने के लिए उमड़ी हुई थी। बाबा साहब ने जब कहा, कि मुझे तो शिक्षितों ने धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि वे चाहते थे कि समाज के ये शिक्षित लोग समाज के उत्थान के लिए काम करेंगे, लेकिन शिक्षित होने के बाद ये लोग अपने और अपने परिवार के उत्थान में जुट गए।

बाबा साहेब के इस बात को कहने का मतलब था कि उन पढ़े लिखे लोगों ने धोखा दिया जो अधिकारी,प्रोफेसर, विधायक, सांसद बनकर अपने अपने फायदे में लग गए और उन्होंने समाज पर ध्यान नही दिया।

बाबा साहेब चाहते थे कि हमारा समाज उच्च पदों पर पहुंचे , बाबा साहेब नही चाहते थे कि आप क्लर्क की नौकरी करो।

बाबा साहेब ने जो त्याग और संघर्ष किया आपके लिए और आप उन पर  खरा नही उतरे इसलिए बाबा साहेब को दुख हुआ।




                 
बौद्ध बिहार चक्की पाट के भदंत ज्ञानरत्न महाथेरो ने बताया कि बाबा साहब ने इस विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि समाज के लिए बड़ी मुश्किल से ये कारवां बनाया है। समाज में जागृति पैदा की है, उनके अधिकारों के लिए लड़ाई शुरू की है। उन्होंने कहा कि मैं जिस तम्बू के नीचे खड़ा हूं, उसका बम्बू निकल जाए, तो क्या होगा। उन्होंने कहा था कि समाज के शिक्षित लोग अपने और अपने परिवारों के बारे में ही नहीं सोचें, बल्कि सोचें उस समाज के बारे में भी, जहां से वे आए हैं, तभी सफलता मिल सकेगी। इस सभा के बाद बाबा साहब शाम तक आगरा में रुके।

बाबा साहेब की इच्छा


आज भी बाबा साहेब अंबेडकर चाहते हैं कि जो लोग पे बैक टू सोसाइटी नही कर रहे वह अपना कमाए हुए पैसे का थोड़ा सा हिस्सा समाज के लिए दान दें।
बाबा साहेब ने उन लोगों को नही कहा जिन लोगों की वजह से यहां तक बाबा साहेब जीवित हैं।

अगर आप पे बैक टू सोसाइटी करते रहोगे तो बाबा साहेब सदैव जीवित रहेंगें।

कृपया लेख पर प्रतिक्रिया जरूर दें।

10 comments:

  1. Apke नाती जिंदा है वो आपका मान बढ़ाएंगे

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    1. This comment has been removed by the author.

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  2. 'मुझे पढे लिखे लोगों ने धोखा दिया है! ' ऐसा बाबासाहब ने कहा है, इस बात का कोई सबुत नहीं है!अगर 18 मार्च 1956 का भाषण 'डाॅ. बाबासाहब अम्बेडकर रायटिंग अॅन्ड स्पिचेस, वाल्यूम 18,भाग3' में पढोगे तो पता चलेगा की बाबासाहब ने इस भाषण में ऐसा कुछ कहां ही नहीं है। यह कांशीराम और बामसेफ का दुष्प्रचार है, इस वजह से यह झुटा प्रचार हुआ और आप भी उसके शिकार हो गये। आप जरा अपनी पढ़ाई बढाईए।

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    1. Hoooo.....rajiv जी
      कया कह रहे हो...
      यह सच है......

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    2. जय भीम राजीव मै समझ सकता हु की जो बाबा साहब ने कहा उसका कोई सबूत न हो लेकिन आज के पढ़े लिखे लोग जो कॉंग्रेस भाजपा में mla,mp,बने बैठे है क्या बो कभी बहुजन समाज के हक और अधिकार की बात करते है? नही !तो फिर गलत है

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  3. ये सुन सुन कर लोग लड़ने लगे हैं

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  4. बिलकुल ठीक कहा आपने बाबा साहेब जी

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  5. Please share source of information

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  6. पढ़ें लिखे लोग , यानी यह ग़लत कहा गया कि पढ़ने लिखने का अधिकार अंबेडकर ने दिया।

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  7. इसका रेफरेंस दीजिये

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