संसद में ऐसा स्वागत किसी प्रधानमंत्री का भी नही हुआ जो साहब कांशीराम का हुआ था
संसद में ऐसा स्वागत किसी प्रधानमंत्री का भी नही हुआ जो साहब कांशीराम का हुआ था
आज साहब कांशीराम जी का जन्मदिवस है
मान्यवर कांशीराम साहब ने 20 नवम्बर, 1991 को प्रात : 11 बजे संसद में उस समय पहला कदम रखा जब संसद में सभी सांसद सदस्य प्रवेश कर चुके थे. संसद के मुख्य द्वार पर जैसे ही मान्यवर पहुंचे तो सैकड़ों पत्रकार, फोटो ग्राफर आदि ने उन्हें घेर लिया. कुछ देर फोटोग्राफरों ने इतने फोटो खींचे की बिजली की सी चका- चौंध होती रही. इसके बाद संसद की सीढियाँ चढ़ते हुए भी फोटोग्राफरों के फोटो खींचें जाने के कारण उन्हें हर सीढ़ी पर रुक-रुक कर आगे बढ़ना पड़ रहा था. ।
जीत के मायने
पत्रकारों की निगाह में भी अब तक सांसद तो बहुत जीत कर आते रहे किन्तु कांशीराम साहब की जीत के मायने ही कुछ और थे. इसलिए उनके इंतजार में आज पत्रकार 10 बजे से ही खड़े थे. इसके बाद आगे बढ़ते हुए मान्यवर कांशीराम साहब ने जब संसद के मुख्य हाल में प्रवेश किया तो सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष श्री शिवराज पाटिल अपनी सीट छोडकर उन्हें लेने पहुंचे और उनसे हाथ मिलाया. मुख्य हाल में प्रवेश करते ही अन्दर बैठे सभी सांसदों ने अपने स्थान में खड़े होकर इस तरह स्वागत किया जैसे संसद में प्रधानमंत्री के स्वागत में खड़े हुए हों. प्रधानमंत्री श्री पी. वी. नरसिम्हाराव और अन्य पार्टियों के सभी बड़े नेता भी आगे बढ़कर मा. कांशीरामजी से हाथ मिलाये. शून्यकाल से पहले जब मान्यवर साहब को शपथ दिलायी गयी तो उस वक्त भी संसद तालियों से गूंज उठा. मान्यवर ने अंग्रेजी में "सत्यनिष्ठा" की शपथ ली थी. इस तरह उन्होंने न केवल शून्य से शिखर तक का रास्ता तय किया अपितु भारतीय राजनीति में उनकी इस आगाज ने देश की राजनीति की दिशा भी बदल दी.संपादन- कपिल गौतम प्रेम
(9456673068)
It was very nice moment.
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