पे बैक टू सोसाइटी के असली हीरो जिन्होंने डॉ. अंबेडकर को बाबा साहेब बनाया
श्रद्धेय सयाजीराव गायक़वाड महाराज
बड़ोदरा (गुजरात) के राजा गोपालराव उर्फ़ सयाजीराव गायक़वाड का जन्म कवलने त.मालेगाँव जी नासिक (महाराष्ट्र ) में हुवा था ।उन्होंने समाजिक क्षेत्र में बहुत कार्य किया था । उन्होंने सक़्ती की प्राइमरी शिक्षा चालू की थी ।ग़रीब और जरूरतमंद विध्याथीयो को स्कॉलरशिप दी।पर्दा प्रथा ,बालविवाह ,कन्या बिक्री बंद की ।अन्तरजातिय विवाह को प्रोत्साहन दिया ।अस्पृश्यता निवारण और विधवा विवाह जैसे समाजिक सुधार वास्ते कार्य किये।
उन्होंने अस्पृश्यो के लिए स्कूल खोले परंतु कोई हिंदू शिक्षक अस्पृश्यो को पढ़ाने वास्ते तैयार नही था।इसलिए उन्हें मुसलमान शिक्षक की भर्ती करना पड़ी।
डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर ने अपना निबंध ”दी इवोलूशन आँफ प्रोव्हीन्शल फ़ायनांन्स इन ब्रिटिश इंडिया “ को उन्होंने सम्मान और कृतज्ञता स्वरूप महाराजा सयाजीराव को अर्पित की थी ।
अस्पृश्यो और समाज उद्धारक कार्य के कारण बड़ोदरा नरेश को भारतीय अस्पृश्यता निवारण परिषद का अध्यक्ष पद सुशोभित किया गया ।यह परिषद 19 मार्च1918 को कोलकत्ता में संपन्न हुई ।उसने बड़े बड़े नेताओ ने शिरकत की थी ।
एक मर्तबा लंदन गोलमेज़ परिषद में बाबासाहेब आंबेडकर का प्रभावी और तेजस्वी भाषण सुनकर ब्रिटिश प्रधानमंत्री मॅकडोनाल्ड तो अचंभित ही हो गये थे और बड़ोदा नरेश के तो आनंद अश्रु बह निकले। उन्होंने स्वदेश आगमन पर रानी से कहा “ हमारा सारा प्रयत्न और रुपया सार्थक हुवा है “। उन्होंने बाबासाहेब आंबेडकर के इस यश कीर्ति के आनंद स्वरूप कुछ ख़ास मित्रों के साथ एक पार्टी भी रखी थी ।
महाराजा सयाजीराव गायक़वाड को उनके सामाजिक कार्यों के कारण उन्हें “ भारत का आख़री आदर्श राजा “ भी कहा जाता है ।
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