जिस आंदोलन में हर भागीदार ,समर्थक अपने आप को नेता से ज्यादा बुद्धिमान,सक्षम मानता है वहां सत्यानाश ही होगा
राजनीति के पेच
वैभव कुमार DNN मीडिया के चीफ एडिटर हैं,और हर जगह बेबाकी से अपनी बात रखते हैं, राजनीति पर कहे गए उनके लेख से -
राजनीति में बहुत बारीक पेच होते हैं और रणनीति इतनी विस्तृत की हर व्यक्ति को समझ ना आए. विरोधी सैकड़ों तरीके अख्तियार करते हैं जिनका मुकाबला नेता अकेले करता है. नेता के पास एक सारगर्भित योजना होती है जिसमें बहुत गहन अनुसंधान और तजुर्बा आधारित निर्णय लिए जाते हैं. वैसे भी सफल नेता और नेतृत्व ही आंदोलन को जिंदा रख सकता है क्योंकि उसको समाज के हर वर्ग की चिंता होती है विशेषकर जो अनायास विरोध करते हैं. कुछ चीजें इतनी जटिल और कूटनीतिक स्तर पर संवेदनशील होती हैं कि उनका सार्वजनिक खुलासा ना हो सकता और ना ही करना चाहिए. इसलिए समर्थक यदि नेतृत्व को स्वीकार करते हैं तो नेतृत्व पर पूरा भरोसा होना चाहिए और पल-पल संशय ना करके नेता को स्थाई समर्थन प्रदान करना चाहिए.
जिस आंदोलन में हर भागीदार और समर्थक अपने आप को नेता से ज्यादा बुद्धिमान और सक्षम मानता है वहां सत्यानाश होना अनिवार्य है।
इसलिए समय की नजाकत को भांपते हुए सारे सवाल और प्रश्नों को एक तरफ रख कर केवल नेतृत्व को मजबूत करने के प्रयास होने चाहिए।
वैभव कुमार
DNN मीडिया
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